राजनीती सरल शब्दों में मनुष्य जाति द्वारा किया गया, नीतिगत या रणनीति बनाकर किया, तर्कसंगत व्यवहार है | और राजनीती का जन्म भी मनुष्य जाति के जन्म के साथ ही हुआ था | इसलिए राजनीती इतना वृहद् विषय है की उसके अध्ययनकर्ताओ ने इसे विज्ञान ही माना और राजनीतिक घटनाओ को काल अनुसार श्रेणीगत कर एक विषय बनाया जिसे राजनीती विज्ञान कहते है | और इसकी सहायता से राजनीतीकार भूतकाल में घटित घटनाओ का अध्ययनकर, किसी पूर्व घटने वाली राजनीतिक घटना की भविष्यवाणी कर देते है | पर क्या हमारे राजनेताओ में से, सभी ने क्या राजनीती विज्ञान नामक विषय का अध्ययन किया होगा ?? तो जवाब साफ़ है कुछ ही लोगो ने क्या होगा | लेकिन किताबी बात अलग होती है , और जमीनी राजनीती को लोग कीचड़ ही कहते है |
लेकिन फिर भी मैं किसी रुढ़िवादी परम्परा की तरह पढ़ाई से व्यक्ति की योग्यता को नहीं आकति हूँ | मैं तो ये मानती हूँ , की ,मानव धर्म सबसे बड़ा और ऊँचा होता है और जो मानव धर्म को समझता है वो सदैव सभी जनों के हित का कार्य करता है | पर ये स्वार्थी नेता लोग, जाति धर्म के नाम पर , लोगो को बाँटकर सिर्फ वोट पाते है और राज करते हुए , जनता के नोट खाते है |
इसलिए राजनीती से मुझे एक भय सा लगता है , की कही मैं किसी पर कुछ कह दूँ तो मुझे कोई ये ना कह दे की मैं किसी पार्टी की समर्थक हूँ या मैंने ये सब अपने निजी लाभ के लिए लिखा है | तो मैं बस इतना कहना चाहती हूँ की देश विकास करे और हमारे नेताओ को सदबुध्दी मिले | और वे पैसे की राजनीती छोड़ देश हित में कार्य करे ....
great
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जवाब देंहटाएंलिली जी आप के इस ब्लॉग के सन्देश से सांप भी मर जायेगा और लाठी भी बच जायेगा ! इस लेखन कला और अपने अन्दर के भावना को इसी तरह निरंतर बनाये रखिये ! यह आप का अपना शब्द है जो बहुत ही मार्ग दर्शक है ! अगर मैं, राजा होता तो इस सन्देश को लिखने के बदले राजकीय सम्मान देते ! एक मित्र और साधारण मानव होने के नाते बस धन्यवाद दे सकते है ! बहुत बहुत धन्यवाद ! चुकी यह कार्य मेरा था और इसे आप कर रहे हैं ! स्वर्णिम भारत के निर्माण में प्रत्येक व्यक्ति का महत्व होगा ! विचारो में शक्ति छुपा होता है ! जितना सुन्दर विचार उतना अधिक जन शक्ति , http://vishnukalki.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंyeh bilkul sach hai ki rajniti kewal manushyon me hoti hai likin har manushya ka nature alag alag hota hai
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा लिली जी सुन्दर विचार ...
जवाब देंहटाएंसबके लिये बार बार पठनीय..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन आलेख!!
जवाब देंहटाएंलिली जी आपके शब्द और आपने जो कुछ कहा वो कही तक देश के विकास के लिए सही है मुझे जादा जानकारी तो नही है लेकिन फिर भी आपने बहुत कुछ कह दिया
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