भारतीय मीडिया की क्या भूमिका है , इस पर भी सवाल उठाना बेहद जरुरी है | हमारे लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाने वाला यह भारतीय मीडिया क्या सच्च में लोकतंत्र का एक मजबूत स्तम्भ है ?? और क्या हमें इसकी निष्पक्षता पर पूर्ण विश्वास करना चाहिये ?? ये सवाल मेरे नहीं है , ये सवाल है देश की आम जनता के | मैंने जो देखा उससे मुझे लगा की भारतीय मीडिया को रुई का पहाड़ खड़ा करना बहुत अच्छे से आता है , और इनका एक मात्र उद्देश्य अधिक से अधिक विज्ञापन और चैनल की टी . आर . पी को बढाना है | " अन्ना जी " भी एक रुई के पहाड़ का ही उदाहरण है, खैर उनके विषय पर मैं बाद में आउगी | पहले मैं मीडिया को लेकर ही अपनी दो बात ही कह दूँ .....
मेरा मानना है , की भारतीय मीडिया वो संस्थान है , जो देश के आम आदमी की भावनाओं को अच्छे से जानता है | और उसे पता है ,की क्या दिखाया जाये और क्या दिखाने से लोग खिचे आयेगे और उनके मन अनुसार ज्यादा उपस्तिथि दर्ज करायेगे | भारतीय मीडिया का क्षेत्र वैसे तो बहुत ही वृहद् है , लेकिन देश का भला या बुरा ना बताकर केवल सूचनाएं देना इनका एक मात्र उद्देश्य है |
मेरा मानना है , की भारतीय मीडिया जन भावना को जगा कर भी अपना ही लक्ष्य साधना चाहती है |
अगर मेरी कही बात किसी मीडिया भाईयो को बुरी लगे, तो खेद प्रकट करना चाहती हूँ | मैं आम भारतीय नारी हूँ , और मेरी सिर्फ ये चाहत है की मीडिया अपने कर्तव्य के लिए सजग हो और देश सेवा को अपना एक मात्र लक्ष्य बनाकर | देश को जोड़ने और देश की समस्यों को उजागर करने में अहम् भूमिका निभायें |